Breaking News

भारी बारिश से आदिवासी किसान के चार एकड़ खेत में लगे फसल बर्बाद, खेत नदी में तब्दील,मैनपुरकला के पीड़ित किसानों ने लगाई शासन प्रशासन से गुहार |


गिरीश गुप्ता गरियाबंद:- तस्वीर में दिखाई दे रहा यह गड्ढे कोई नदी नाले नही है बल्कि 25 दिनो पूर्व मैनपुर क्षेत्र में हुई मुसलाधार लगातार बारिश से आदिवासी किसान के उपजाऊ खेत में लगाये फसल जहां एक ओर बर्बाद हो गया वही दूसरी ओर भारी बारिश से खेत नदी नाले में तब्दील हो गये।

पीड़ित किसान बेहद परेशान है क्योकि लगभग चार एकड़ कीमती जमीन पूरी तरह बारिश में बर्बाद हो गया खेत 15 से 20 फीट गहरे गड्ढे में तब्दील हो गया और अब यह एक नदी और नाला का रूप ले लिया है किसान बेहद परेशान है उनके जीविका का यही प्रमुख साधन है इसे किसान चाहकर भी मरम्मत नही कर सकता क्योकि इसे मरम्मत करने के लिए बहुत ज्यादा पैसा की जरूरत है। पीड़ित किसान लगातार शासन प्रशासन से जमीन सुधार की मांग को लेकर गुहार लगा रहे है।

तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 03 किमी दूर ग्राम पंचायत मैनपुरकला के आदिवासी किसान सियाराम ठाकुर, डोमार सिंह, ललित कुमार ने बताया कि 12 जुलाई 2022 को मैनपुर क्षेत्र में भारी मुसलाधार बारिश हुई और भारी बारिश से मैनपुरकला में उनके पटवारी हल्का नंबर 04 कृषि भूमि खसरा 362/1 के रकबा 1.18 हेक्टेयर भूमि पर खरीफ धान की फसल लगाया था और 12 जुलाई को भारी बारिश से उक्त भूमि पर भारी पानी और बाढ़ के चलते जहां एक ओर धान की फसल बह गया।

वही खेत 15 से 20 फीट गहरे गड्ढे होते हुए नदी तक पहुंच गया जिससे किसान के लगभग चार एकड़ जमीन पूरी तरह बर्बाद हो गई है। किसानो ने बताया उनके जीविका का एकमात्र साधन यह खेती है लेकिन यह खेत नदी में तब्दील हो जाने से उनके परिवार के सामने बेहद परेशानी उत्पन्न हो गई है।

किसानो ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गरियाबंद जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत, गरियाबंद के कलेक्टर प्रभात मलिक से मांग किया है कि बाढ़ से बर्बाद हुए कृषि भूमि की सर्वे करा कर किसान को उचित मुआवजा देने की मांग किया है।





Related Articles

Back to top button