मेट्स और आइएसबीएम यूनिवर्सिटी पर फर्जी डिग्री बांटने का आरोप, हाईकोर्ट में याचिका दायर |

राजधानी रायपुर में संचालित दो निजी विश्वविद्यालय द्वारा फर्जी डिग्री बांटने और सीबीआइ से जांच की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने उधा शिक्षा विभाग, भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग समेत अन्य विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
आरटीआइ कार्यकर्ता संजय अग्रवाल ने अपने वकील के जरिये जनहित याचिका दायर कर राजधानी रायपुर में संचालित निजी विश्वविद्यालय मेट्स और आइएसबीएम द्बारा फर्जी डिग्री बांटने का आरोप लगाया है। याचिका के अनुसार एक विश्वविद्यालय ने एक विधायक को तो दूसरे ने जेल में बंद कैदी के नाम पर फर्जी डिग्री जारी कर दी है। आरटीआइ कार्यकर्ता संजय अग्रवाल ने वकील विवेक शर्मा व आयुषी अग्रवाल के माध्यम से हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि उच्च शिक्षा के नाम पर दोनों विश्वविद्यालय फर्जी डिग्री बांटने का धंधा कर रहे हैं। सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त की गई जानकारी को दस्तावेज के साथ कोर्ट के समक्ष पेश किया है। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने दोनों यूनिवर्सिटी से जारी डुप्लीकेट मार्कशीट की कापी भी लगाई है। याचिका में कहा है कि दोनों यूनिवर्सिटी ने राज्य शासन से प्रतिवर्ष जितनी अंकसूची की मांग की थी, उससे कई गुना अधिक अंकसूची जारी कर दी है।
इससे दोनों यूनिवर्सिटी से जारी सभी अंकसूची की प्रमाणिकता संदेह के दायरे में आ गई हैं। याचिकाकर्ता ने प्रमाण के तौर पर मनेंद्रगढ़ विधायक डा. विनय जायसवाल के नाम से मेट्स विश्वविद्यालय द्बारा जारी डीसीए का प्रमाण पत्र पेश किया है। याचिकाकर्ताओं के अनुसार एक समय उनके पास विधायक के नाम जारी डीसीए सर्टिफिकेट की फोटोकापी ही थी। इसके बाद विश्वविद्यालय में इस सर्टिफिकेट की डुप्लीकेट कापी जारी करने का आवेदन लगाया। कुछ दिनों के बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन ने विधिवत डुप्लीकेट प्रमाण पत्र जारी कर दिया।
यह मामला जब सामने आया तब विधायक डा. जायसवाल ने खुद ही बयान दिया था कि उन्होंने कभी भी मेट्स विश्वविद्यालय में किसी भी पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं लिया है। इसी तरह से याचिका में आइएसबीएम विश्वविद्यालय द्बारा बलराम साहू पिता चेतन साहू के नाम से जारी डीसीए का प्रमाण पत्र पेश किया है। याचिकाकर्ताओं ने बताया है कि बलराम साहू 29 जनवरी 2004 से सेंट्रल जेल रायपुर में सजा काट रहा है।