
सोनु केदार सरगुजा – सरगुजा जिले मे कोयला का उत्खनन करके बेहिसाब दौलत कमााने वाला अदानी कंपनी प्रबंधन.. क्षेत्र के लोगो के लिए हमेशा की तरह फिर से मुसीबत बन गया है.. इस बार मामला खनन प्रभावित गांवो के बच्चो की शिक्षा से जुडा है.. जिसको लेकर छात्रों के साथ ग्रामीणो और ब्लाक कांग्रेस कमेटी के लोगो ने प्रदर्शन शुरु कर दिया है।
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सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लॉक अंतर्गत साल्ही में अदानी कपनी विगत एक दशक को कोयला उत्खनन का काम कर रहा है ,,अदानी कंपनी खुलने से पहले साल्ही ,घाटबर्रा,परसा ,बासेन और कई प्रभावित गांव के ग्रामीणों से ग्राम सभा के माध्यम से गांव में स्कुल ,अस्पताल जैसी बुनियादी सुविधाए देने का वादा किया गया था लेकिन अदानी कम्पनी प्रबंधक ग्रामीणों को छल रहा है ताजा मामला छात्रों के पढाई को लेकर अदानी और ग्रामीण आमने सामने हो गए है सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण और छात्र विगत चार दिनों से अदानी कम्पनी के गेट के सामने धरने पर बैठ गए है ।

वी0ओ-02 अदानी कंपनी ने गांव के बच्चो के लिए सीएसआर मद से अदानी विद्या मंदिर स्कुल की स्थापना कर पढाई तो शुरू कर दी .. जिसमे पहली से लेकर दसवी तक की कक्षाएं संचालित हो रही थी … लेकिन दसवी पढने के बाद हायर सेकेण्डरी की पढाई की अदानी प्रबंधन के द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गयी है जिसके चलते यहां के छात्रो को दर दर भटकना पड रहा है.. लिहाजा अदानी विद्या मंदिर मे ग्यारहवी औऱ बारहवी की पढाई शुरु कराने की मांग को लेकर कुछ दिन पहले से ग्रामीण लामबंद हो गए है।
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वही जब हमने अदानी प्रबंधन अधिकारियो से छात्रों के पढ़ाई के सम्बन्ध में बात करनी चाही तो मिडिया में बयान से अधिकृत नहीं होने का हवाला देकर कैमरे में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया हालांकि धरना स्थल में पहुंचे प्रशासन की टीम में उदयपुर तसीलदार सुभाष शुक्ला छात्रों के सवाल पर पहले मिडिया से बचते नजर आये वही कैमरा चालू देख कहा की अदानी प्रबंधन से बात हो गई है जल्द ही छात्रों की पढ़ाई को लेकर जल्द व्यवस्था की जाएगी
हमेशा से ही आदिवासी ग्रामीणों को अदानी कपनी विकास का सपना दिखाकर उनके जमीनों से कोयला निकाल लाखो करोड़ो कमा रही है वही हमेशा से ग्रामीणों को छलती आ रही कम्पनी एक बार फिर छात्रों की पढाई को लेकर मौखिक आस्वासन दिया हैं मांग पूरा नहीं होने पर पुनः आंदोलन की चेतावनी देते हुए ग्रामीणों ने आज भले ही अदानी प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन बंद कर दिया है वही दूसरी ओर कब तक इन आदिवासी बच्चो को कंपनी शिक्षा मुहैया करा पाती है या एक बार फिर ग्रामीण अदानी के खिलाफ लामबंद होने पर बजबूर होंगे ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।




