धनतेरस और चौदस के दीए जलेंगे आज एक ही दिन, इस साल का धनतेरस है बहुत खास, जाने शुभ मुहूर्त
इस बार धनतेरस और चौदस एक ही दिन मनाए जाएंगे। धनतेरस और चौदस के दीए एक ही दिन कुछ घंटों के अंतराल में जलाए जाएंगे। एक ही दिन दो तिथियां होने के कारण इस वर्ष इस तरह की स्थिति बन रही है। 13 नवंबर अर्थात शुक्रवार को संध्या 6 बजे तक धनतेरस तिथि रहेगी।
इसके बाद चौदस तिथि लग जाएगी। शुक्रवार को 6 बजे के पूर्व धनतेरस के दीपक जलाने होंगे। 6 बजे के बाद नरक चौदस का दीपदान किया जाएगा। इसके बाद नरक चतुर्दशी को किए जाने वाले स्नान, दान आदि 14 नवंबर शनिवार को प्रात: बेला में किए जाएंगे। सूर्योदय के बाद दिनभर से आधी रात तक लक्ष्मी पूजा कर सकते हैं। अमृत योग दोपहर 3 से 4.30 बजे तक रहेगा।
शहर के पंडितों और ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक गुरुवार को सूर्याेदय के वक्त धनतेरस तिथि नहीं है। यदि संध्या तक भी धनतेरस की तिथि लग जाती, तो इस दिन धनतेरस मनाया जा सकता था, लेकिन गुरुवार को रात्रि 9.30 मिनट पर धनतेरस तिथि प्रारंभ हो रही है, इसलिए इस दिन यह पर्व नहीं मनाया जाएगा। शुक्रवार को उदया तिथि के वक्त धनतेरस रहेगा। इस दिन ही धनतेरस मनाना शुभ होगा। इसी दिन संध्या चौदस तिथि भी लग जाएगी, इसलिए दोनों तिथियाें के पूजन, अनुष्ठान एक ही दिन होंगे।
इस साल धनतेरस का त्योहार बहुत खास है, क्योंकि इस दिन कई ऐसे योग बन रहे हैं, जो इस दिन की महत्ता को और बढ़ाने वाले हैं। बन रहे ये संयोग आपकी खरीदी की महत्ता को और अधिक बढ़ाएंगे। धनतेरस शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी। शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी का दिन माना जाता है, इसलिए खरीदी करना विशेष रूप से शुभ होगा।
इसके अलावा इस बार धनतेरस के दिन हनुमान जयंती भी पड़ने के कारण इस दिन का महत्व और बढ़ गया है। धनतेरस के दिन चित्रा नक्षत्र और आयुष्मान योग भी बन रहा है। इस बार धनतेरस पर मृदु और मित्र संज्ञक नक्षत्र का योग बन रहा है। इस नक्षत्र में सोना, चांदी और बर्तन खरीदना बहुत शुभ रहेगा।