West Bengal Election – अबकी बार 200 पार का नारा हुवा फुस्स, टीएमसी बढ़त के साथ सत्ता पर दिख रही काबिज

पश्चिम बंगाल के चुनाव में टीएमसी फिर से आती दिख रही है। ममता बनर्जी की पार्टी अब तक 192 सीटों पर बढ़त के साथ स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने की ओर है, वहीं ‘अबकी बार, 200 पार’ का नारा देने वाली बीजेपी 100 के अंदर ही सिमटती दिख रही है। खबर लिखे जाने तक बीजेपी रुझानों में 96 सीटों पर ही आगे चल रही है। नंदीग्राम सीट पर भले ही शुभेंदु अधिकारी टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी से आगे चल रहे हैं, लेकिन बाबुल सुप्रियो, स्वप्न दासगुप्ता और लॉकेट चटर्जी जैसे बीजेपी के कई दिग्गज पिछड़ते नजर आ रहे हैं। 5 दौर की गिनती के बाद लॉकेट चटर्जी 5,844 वोटों से पीछे चल रही हैं।
इन दिग्गज चेहरों के साथ ही पार्टी के पिछड़ने को लेकर बीजेपी खेमे में निश्चित तौर पर निराशा होगी। भले ही 2016 के मुकाबले बीजेपी ने 30 गुना बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन सरकार बनाने की उम्मीद पालने वाली पार्टी के लिए यह संतोषजनक नहीं कहा जा सकता।
भाजपा ने भले ही बंगाल में पीएम नरेंद्र मोदी, होम मिनिस्टर अमित शाह समेत केंद्रीय मंत्रियों की बड़ी फौज को चुनावी मैदान में उतारा था, पर नतीजों में इसका ज्यादा असर नहीं दिख रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राज्य में कोई मजबूत चेहरा न होने के चलते यह स्थिति पैदा हुई है। दरअसल जनता के दिमाग में यह बात थी कि पीएम नरेंद्र मोदी बंगाल के सीएम नहीं बनने वाले। पार्टी की ओर से सूबे में सीएम के लिए किसी चेहरे का भी ऐलान नहीं किया गया था। माना जा रहा है कि ममता के मुकाबले एक मजबूत चेहरे का अभाव बीजेपी को खला है।
भाजपा ने भले ही मुकाबले को पूरी तरह से द्विपक्षीयबना दिया, परंंतु यह समीकरण भाजपा के लिए भारी पड़ा है। कहा जा रहा है कि लेफ्ट और कांग्रेस के सफाये से साफ है कि बीजेपी के खिलाफ एकजुट हुआ वोट टीएमसी को ही गया है। खासतौर पर मुस्लिम समुदाय की ओर से एकजुट होकर टीएमसी को वोट गया है। यही समीकरण बीजेपी पर भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। इसके उदाहरण के तौर पर हम देख सकते हैं कि कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले मालदा में तृणमूल कांग्रेस ने क्लीन स्वीप किया है।



