मध्यप्रदेश

पुलिस कर्मचारियों को भी लेना पड़ेगा ट्रेन का टिकट… |


भोपाल । डिविजनल रेलवे मैनेजर कार्यालय से जारी आदेश में सहायक वाणिज्य प्रबंधक पंकज कुमार दुबे ने इस मामले में जुर्माना करने के निर्देश टिकट चेकिंग स्टाफ को दिए हैं। बिना टिकट यात्रा करने वाले पुलिस कर्मचारियों और रेलवे टिकट स्टाफ के बीच विवाद सामने आने के बाद कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं।आदेश में कहा गया है कि समस्त टिकट जांच कर्मचारियों को निर्देश दिया जाता है कि यात्रा के दौरान वातानुकूलित स्लीपर कोच में यदि कोई भी पुलिस कर्मचारी बिना टिकट यात्रा करते पाया जाता है तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाए



इसकी सूचना वाणिज्य नियंत्रक जबलपुर डिविजनल मैनेजर कार्यालय को भी दे दी जाए। रेलवे के इस आदेश को लेकर निचले स्तर के पुलिस कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। कर्मचारियों का कहना है कि इमरजेंसी सेवाओं और जबलपुर में जरूरी पेशी अटेंड करने के लिए कई बार ट्रेनों में सफर करना पड़ता है। हालांकि अब सभी पुलिसकर्मियों को टिकट के साथ यात्रा करनी पड़ेगी।

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जानकारी के लिए बता दें कि रेलवे बिना टिकट यात्रा करने वालों पर रेलवे अधिनियम की धारा 138 के तहत जुर्माना लगाता है। रेलवे द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, अगर आप ट्रेन में बगैर टिकट यात्रा करते पाए जाते हैं तो आपसे 2 तरीके से किराया वसूला जा सकता है। पहला कि यात्री ने जितनी दूर सफर किया उतना किराया या फिर ट्रेन के शुरुआती स्टेशन से यात्री जहां पकड़ा गया वहां तक का किराया वसूला जाए और इसमें अतिरिक्यू 250 रुपये और जोड़े जाएं। दूसरा तरीका कि ट्रेन का सामान्य किराया वसूला जाए. इन दोनों में से जो भी अधिक होगा वह यात्री से लिया जाएगा

अन्य अपराधों के लिए जुर्माना
-फर्जी तरीके सफर करने पर 6 महीने की जेल या 1000 रुपये का जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है।
-बेवजह चेन पुलिंग करने पर 12 महीने की जेल या 1000 रुपये या फिर दोनों
-दिव्यांगों के लिए आरक्षित कोच में सफर करने पर 3 महीने की जेल और 500 रुपये जुर्माना या फिर दोनों।
-ट्रेन की छत पर यात्रा करने पर 3 महीने की जेल या 500 रुपये जुर्माना या फिर दोनों।
-रेलवे की संपत्ति में अनाधिकृत प्रवेश पर 6 महीने की जेल, 1000 रुपये जुर्माना या दोनों
-लोगों को जबरन कुछ सामान बेचते पाए जाने पर 3 साल तक की जेल या 10000 रुपये का जुर्माना या दोनों।



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