स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें की सूचि जारी, जान लीजिए अहम बात

स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें की सूची जारी की है।
आपको बता दें कि दुनिया के 78 देशों में अब तक मंकीपॉक्स के 18 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। किसी भी बीमारी का अधिक खतरा बच्चों और बुजुर्गों में ज्यादा हो सकता है। बुजुर्गों की इम्यूनिटी युवाओं की तुलना में कम होती है, ऐसे में अगर वह किसी संक्रमण की चपेट में आ जाएं तो उनके लिए जोखिम बढ़ जाता है।
वैसे तो मंकीपॉक्स को कोरोनावायरस जितना संक्रामक नहीं माना जा रहा लेकिन बच्चों पर इसका जोखिम ज्यादा है। मंकीपॉक्स को लेकर दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञों का कहना है कि ये संक्रामक बीमारी बच्चों के लिए घातक हो सकती है। वहीं मंकीपॉक्स का वायरस स्मॉल पॉक्स फैमिली का है, ऐसे में स्मॉल पॉक्स का टीका इस बीमारी में असर दिखा रहा है। जिन लोगों को चेचक का टीका लग चुका है, उन्हें मंकीपॉक्स का खतरा कम हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपॉक्स को लेकर पुरुषों को जोखिम से बचने के लिए सलाह भी दी है।
मंकीपॉक्स को लेकर हो सबसे अहम सवाल ये हैं कि सबसे ज्यादा खतरा किसे हो सकता है? विशेषज्ञ के मुताबिक, मंकीपॉक्स चेचक के जैसी बीमारी है, जो कोरोनावायरस की तरह फैल रही है। कहा जा रहा है जिन लोगों को चेचक का टीका है, उन्हें मंकीपॉक्स का खतरा कम है। दरअसल, 1980 के पहले पैदा हुए लोगों को चिकन पॉक्स या स्मॉल पॉक्स की वैक्सीन लग चुकी है। उसके बाद जन्मे लोगों को मंकीपॉक्स का जोखिम हो सकता है। यानी 42 साल से कम उम्र के लोगों पर मंकीपॉक्स का बड़ा खतरा है। साथ ही सबसे अधिक खतरा बच्चों को है।
मंकीपॉक्स के मामले भले ही फिलहाल कम हैं लेकिन मंकीपॉक्स कोरोना की तरह की फैल रहा है। इसलिए मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए लापरवाही बिल्कुल न करें।
किसी भी व्यक्ति में मंकीपॉक्स जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं।
मंकी पॉक्स से बचाव के लिए चेचक का टीका जरूर लगवाएं।
जो लोग इन्फेक्टेड देशों से लौट रहे हैं, उनके संपर्क में आने से बचें।
साफ सफाई का ख्याल रखें। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर साबुन से हाथ धोएं।
सैनिटाइजर का उपयोग करें।
अगर संक्रमित के संपर्क में आने वाले किसी शख्स में मंकीपॉक्स होने का खतरा हो, तो उसकी जानकारी दें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने मंकीपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा कि जिन पुरुषों में मंकीपॉक्स का जोखिम है, वह यौन संबंधों में सावधानी बरतें।
रिपोर्ट के मुताबिक, मई में मंकीपॉक्स के जो मामले सामने आए, उनमें 98 फीसदी संक्रमित गे, बाइसेक्सुअल और पुरुषों से संबंध बनाने वाले पुरुष थे। इसलिए यौन संबंध के दौरान सुरक्षित विकल्प अपनाने की सलाह दी गई।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकीपॉक्स से बचने के लिए क्या करें और क्या न करें की सूची जारी की। pic.twitter.com/SFi5hNRSpN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 3, 2022
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