
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाय) के अपहृत सब इंजीनियर अजय रौशन लकड़ा की पत्नी अर्पिता ने उन्हें मुक्त करने की मार्मिक अपील नक्सलियों से की है और इसके लिए वे शनिवार को धुर नक्सल प्रभावित गांव बुरजी तक अपने तीन साल के बेटे के साथ गईं थीं।
नक्सलियों ने 11 नवंबर की दोपहर यहां से पांच किमी दूर गोरना गांव से उनके पति अजय लकड़ा व कार्यालय सहायक का अपहरण कर लिया था। 12 नवंबर को तो नक्सलियों ने कार्यालय सहायक लक्ष्मण परतागिरी को मुक्त कर दिया। लेकिन अब भी अजय लकड़ा उनके कब्जे में हैं। शनिवार की सुबह अर्पिता लकड़ा गंगालूर थाना क्षेत्र के बुरजी गांव गईं थीं और वहां उन्होंने ग्रामीणों के जरिए नक्सलियों से मार्मिक अपील करते हुए कहा कि मेरे पति को छोड़ दें, मेरे कोई नहीं है, हम बाहर से हैं।
रौशन लकड़ा की पत्नी अर्पिता लाकड़ा ने कहा कि जिन भी भाई-बहन के पास उनके पति हैं, उन्हें छोड़ दें। शनिवार को नक्सलियों से मार्मिक अपील करने के बाद अर्पिता बीजापुर जिला मुख्यालय लौट आईं। उम्मीद है कि इस अपील से नक्सलियों का मन पसीजेगा और वे उन्हें मुक्त कर देंगे। वे शनिवार को कुछ मीडिया कर्मियों के सहयोग से बुरजी गांव बाइक से गईं थीं। आपको बता दें कि अजय लकड़ा यहां पीएमजीएसवाय में 2018 से सब इंजीनियर के तौर पर कार्यरत हैं। गोरला इलाके में पीएमजीएसवाय के अलावा डीएमएफ से भी सड़क बन रही है। इसे देखने वे वहां गए थे।

वहीं क्षेत्रीय विधायक व बस्तर विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष विक्रम शाह मण्डावी ने पीएमजीएसवाय के अगवा सब इंजीनियर अजय रोशन के घर जा कर उनकी धर्म पत्नी अर्पिता लकड़ा व बच्चे से मुलाकात की. उन्हें ढांढस बंधाते हुए कहा कि घबराने की जरूरत नही है. हम सब आपके साथ खड़े हैं. वहीं, विधायक विक्रम मण्डावी ने नक्सलियों से अपील की है कि अपहृत सब इंजीनियर (sub engineer) अजय लकड़ा को मानवता के नाते सकुशल रिहा करें।





