क्रिकेट के भगवान सचिन कोरोना वारियर्स के सम्मान में नहीं मनाएंगे अपना जन्मदिन, जानिए उनसे जुडी कुछ अनछुई बातें
अपने पदार्पण मैच से लेकर 2013 में वानखेड़े स्टेडियम में अपने आखिरी मैच तक सचिन को कोई छू नहीं पाया
क्रिकेट के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का आज 47 जन्मदिन है हालांकि वो कोरोनावायरस के विरुद्ध लड़ रहे योद्धाओं के सम्मान में अपना 47वां जन्मदिन सेलिब्रेट नहीं करेंगे। सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने अपने 24 साल के क्रिकेट करियर में कई ऐसे रिकार्ड्स बनाए जिसे कोई बल्लेबाज नहीं बना सका था।
सचिन तेंदुलकर ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्हे देखते हुए ज़्यादातर क्रिकेटर बढे हुए, जो आज भारतीय क्रिकेट टीम में खेल रहे हैं। सचिन तेंदुलकर ड्रेसिंग रूम से लेकर क्रिकेट ग्राउंड तक सभी साथी खिलाड़ियों को प्रेरित किया करते थे। आज सचिन तेंदुलकर को रिटायर हुए लगभग 7 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी सचिन कभी खाली नहीं बैठते। सचिन तेंदुलकर की ये आदत ड्रेसिंग रूम से ही उनके साथ है।
सचिन ने 24 साल के अपने शानदार करियर में 22 गज की पिच पर सिर्फ अपना कब्ज़ा कर रखा था और इस दौरान उनके बल्ले से निकले रिकॉर्ड्स ने पूरी दुनिया को चकाचौंध कर रखा था।
15 नवंबर, 1989 को पाकिस्तान के खिलाफ अपने पदार्पण मैच से लेकर 2013 में वानखेड़े स्टेडियम में अपने आखिरी मैच तक सचिन को कोई छू नहीं पाया। सचिन तेंदुलकर को खेल में अभूतपूर्व योगदान देने के लिए भारत के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी नवाजा जा चुका है। वो यह सम्मान हासिल करने वाले पहले क्रिकेटर हैं।
सचिन तेंदुलकर ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभा रहे लोगों के सम्मान में इस साल अपना जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला किया है। उनका मानना है कि इस महामारी से लड़ने में अग्रणी भूमिका निभा रहे चिकित्सकों, नर्सों, चिकित्सा सहायकों, पुलिसकर्मियों, सैनिकों का आभार व्यक्त करने का यह सर्वश्रेष्ठ तरीका हो सकता है। तेंदुलकर पहले ही इस महामारी से लड़ने के लिए 50 लाख रुपये का योगदान कर चुके हैं।
दुनिया में सबसे ज्यादा टेस्ट व वनडे खेलने वाले सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट करियर में ऐसी ऐसी कामयाबियां हासिल की हैं जो शायह किसी भी क्रिकेटर के लिए एक सपना ही होता है। सचिन क्रिकेट की दुनिया में जीती जागती मिसाल हैं और वो कई युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा हैं।