खेल जगत

कोरोना ने इस खिलाडी कि कर दी ऐसी हालत कि अपनी BMW बेचना चाहती है, जानिए क्यों

देश की सबसे तेज महिला धावक और स्प्रिंट क्वीन दुती चंद ने कोविड 19 महामारी के बीच अपने प्रशिक्षण खर्चों को पूरा करने के लिए सोशल मीडिया पर अपनी BMW का को बेचने की पेशकश की। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी कार की तस्वीरें पोस्ट की और इसके लिए संभावित खरीदारों की तलाश की, हालांकि बाद में उन्होंने अपनी इस पोस्ट को डीलिट कर दिया।

बता दें कि दुती चंद के पास 2015 BMW 3 सीरीज मॉडल की कार है जिसे उन्होंने 30 लाख रुपये में खरीदा था। अब दुती अपने प्रशिक्षण के खर्चों को पूरा करने के लिए इसे बेचने को तैयार हैं। उन्होंन कहा कि कोविड महामारी की वजह से कोई भी प्रायोजक मुझ पर खर्च करने के लिए तैयार नहीं है। टोक्यो ओलंपिक की तैयारी के लिए ट्रेनिंग और डाइट के खर्चों को पूरा करने के लिए मैंने अपनी कार को बेचने का फैसला किया है। कोविड 19 महामारी की वजह से अब टोक्यो ओलंपिक 2021 में 11 जुलाई से शुरू होगा।

दुती ने बताया कि सरकारी लोग भी कह रहे हैं कि वो भी वित्तीय संकट से गुजर रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने ये कार खुद खरीदी है या उन्हें ये उपहार में मिला था तो उन्होंने बताया कि एशियाई खेलों में मेरी उपलब्धि के लिए उड़ीसा के सीएम नवीन पटनायक से मुझे 3 करोड़ रुपये पुरस्कार के तौर पर मिले थे। उन पैसों से मैंने अपना घर बनाया और ये कार खरीदी थी। फेसबुक पर कार की तस्वीरें डालने के बाद लोगों ने सरकार से उनकी मदद की बात कही और फिर बाद में उन्होंने ये पोस्ट वहां से हटा दी।

वहीं उन्होंने कहा कि मेरे पास BMW के अलावा भी दो अन्य कार हैं और मेरे घर में इन तीनों को रखने की जगह भी नहीं है इसलिए भी मैं एक कार बेचना चाहती हूं। अपने फेसबुक पर उन्होंने कहा की तस्वीरें शेयर करते हुए दुती ने उड़िया में लिखा था कि मैं अपना BMW कार बेचना चाहती हूं, अगर कोई खरीदना चाहता है तो मैंसेजर के जरिए मुझसे संपर्क कर सकते हैं।

गौरतलब है कि सरकार ने टोक्यो ओलंपिक के मद्देनजर दुती के लिए 50 लाख रुपये की राशी ग्रांट की है। उन्होंने इस पर कहा कि वो एक महीने में लगभग 5 लाख रुपये खर्च करती हैं जिसमें उनकी ट्रेनिंग, उनके खान-पान, कोच की सैलरी, फिजियोथेरेपिस्ट, डायटिशियन और अन्य खर्च भी शामिल होते हैं।

उन्होंने कहा कि मैंने अपने सारे पैसे खर्च कर दिए और टोक्यो ओलंपिक की डेट बढ़ गई। इसके अलावा कोरोना महामारी की वजह से मुझे कोई प्रायोजक नहीं मिल रहा है। मुझे जर्मनी में ट्रेनिंद और अपनी फिटनेस पर होने वाले खर्चों के लिए पैसों की जरूरत है इस वजह से मैंने अपनी कार को बेचने का फैसला किया।

Related Articles

Back to top button