क्या आप को मालम है कि हनी ट्रैप किस बला का नाम है और इसके जरिए कैसे अपने शिकार जाल में फंसाया जाता है। हनी ट्रैप ठीक वैसे ही जैसे कोई मक्खी शहद के लालच में उस पर बैठ जाती है और बाद में जब वह रस पीकर उड़ना चाहती है तो उड़ नहीं पाती है। जब उसके पंखों पर शहद लग चुका होता है और वह उड़ नहीं पाती है. वह ट्रैप हो जाती है. उस दौरान न तो वह शहद ही पी पाती है और न ही वहां से उड़कर बाहर निकल पाती है.
हाल में इंदौर के हनी ट्रैप कांड को लेकर मीडिया में यह मामला चर्चा में है. बता दें कि इससे पहले भी देश में कई हनी ट्रैप के मामले सामने आ चुके हैं। गौरतलब है कि महिलाएं अपना उल्लू सीधा करने के चक्कर में पुरुषों को आकर्षित कर अपने प्रेमजाल में फंसाकर उनसे मनचाहा काम करवाती है, उन्हीं में से एक है हनी ट्रैप. . फेसबुक या हाई प्रोफाइल पार्टियों के जरिए टारगेटेड लोगों की लड़कियों से दोस्ती होती है फिर शुरू होता है उगाही का खेल।
हनी ट्रैप के मिशन महिला उस व्यक्ति के साथ घुमने और मिलने का सिलसिला शुरू करती है. फिर वह महिला दोस्ती की आड़ में जरूरी जानकारियां हासिल करती है। इसके लिए हसीना सिर्फ लच्छेदार बातों का ही सहारा नहीं लेती बल्कि अपने शिकार को ब्लैकमेल भी करती है। अगर किसी शख्स की कोई आपत्तिजनक तस्वीर या खास बातचीत की कोई डिटेल हाथ लग जाए तो उसे जगजाहिर करने की धमकी दी जाती है. बदनाम होने के डर से वो शख्स गोपनीय राज भी बता देता है.
ज्ञात हो कि फेसबुक पर हुई इस दोस्ती में कभी भी सामने वाले की असलियत पता नहीं चल पाती. ठीक इसी प्रकार हनी ट्रैप में भी असली पहचान कभी जाहिर ही नहीं होती. इन मामलों में शिकार लोगों को सच्चाई क्या है इसका पता तब चलता है जब वो हनी ट्रैप में फंस चुका होता है।