जब विधायक की बेटी के साथ किया ऐसा सलूक, प्रसव पीड़ा में घंटों तड़फती रही गर्भवती
मध्य प्रदेश में भाजपा के एक आदिवासी विधायक ने बुधवार को गंभीर आरोप लगाया है कि उनकी गर्भवती बेटी को जिला अस्पताल में 12 घंटे तक ‘इंतजार’ करना पड़ा। दरअसल उनकी बेटी को प्रसव के लिए सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
श्योपुर में विजयपुर के विधायक सीताराम आदिवासी ने कहा कि अस्पताल के अधिकारियों ने उनसे कहा कि उनकी बेटी का ऑपरेशन किया जाना जरुरी है लेकिन सर्जरी में मदद के लिए उस वक्त कोई विशेषज्ञ डॉक्टर हॉस्पिटल में उपलब्ध नहीं था। विधायक ने बताया कि उनकी बेटी धोदीबाई (26) ने यहां से लगभग 119 किलोमीटर दूर शिवपुरी के एक निजी अस्पताल में मंगलवार को सामान्य प्रसव के जरिए एक बच्ची को जन्म दिया।
विधायक ने आरोप लगाया है कि उनकी गर्भवती बेटी को सोमवार को सुबह लगभग साढ़े 10 बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन चिकित्सकों ने परिवार के सदस्यों को 12 घंटे तक इंतजार कराया. इसके बाद परिवार ने उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने का निर्णय लिया। बताया गया कि उनकी बेटी की सोनोग्राफी भी मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी की सिफारिश पर की गई थी।
उन्होंने कहा, ‘जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने सामान्य तरीके से प्रसव करने से इनकार करते हुए कहा कि गर्भाशय के अंदर ‘फ्लूइड’ की मात्रा अपर्याप्त है. विधायक ने कहा कि इसके बाद चिकित्सकों ने उनकी बेटी को शिवपुरी के लिए रेफर करते हुए कहा कि उनके पास एनेस्थीसिया देने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं और प्रसव की निगरानी करने वाला डाक्टर भी अस्पताल नहीं पहुंच सका है।
उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि प्रसव में देरी के कारण ‘चाइल्ड रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट’ में ‘फ्लूइड’ इकट्ठा हो गया, इसके बाद नवजात का शिवपुरी के एक अस्पताल की विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में इलाज किया जा रहा है। श्योपुर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डा. आर बी गोयल ने मीडिया को बताया कि गर्भाशय में अपर्याप्त फ्लूइड के कारण विधायक की बेटी की ऑपरेशन के जरिए डिलिवरी किए जाने की जरूरत थी।
गोयल ने कहा कि दो घंटे बाद जब एंबुलेंस अस्पताल पहुंची तो परिवार के सदस्यों ने जाने से इनकार कर दिया. अस्पताल के स्टाफ ने उन्हें रोकने का प्रयास किया लेकिन वे जबरदस्ती महिला को एक निजी अस्पताल में ले गए थे।