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जानिये रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त, पवित्र भाई बहन के रिश्ते की घुलेगी मिठास

श्रावण शुक्ल पूर्णिमा 15 अगस्त 2019 गुरुवार को आ रही है। इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं होने के कारण पूरे दिन राखी बांधी जा सकेगी। बता दें कि भद्रा एक दिन पूर्व ही समाप्त हो जाने से इस बार राखी बांधने में भद्रा अड़चन नहीं बनेगी।

गौरतलब है कि रक्षाबंधन की रात्रि में 9 बजकर 28 मिनट से पंचक लग जाने के कारण उसके बाद राखी नहीं बांधी जा सकेगी। दोपहर में 2 बजकर 08 मिनट से 3 बजकर 44 मिनट तक राहू काल होने के कारण इस समय में भी राखी नहीं बांधी जा सकेगी।

श्रावणी पूर्णिमा का व्रत करने वालों के लिए भी यह दिन खास होगा। इस दिन सुख, सौभाग्य, धन, धान्य, संपत्ति, आयु, आरोग्य और दांपत्य जीवन में मधुरता प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा का विधान भी है।

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त इस बार इन समयों पर है –

चर: – प्रातः 10.54 से 12.31 बजे तक
लाभ: – दोप. 12.31 से 2.08 बजे तक
शुभ: -सायं 5.21 से 6.58 बजे तक
अमृत: – सायं 6.58 से रात्रि 8.21 बजे तक
चर: – रात्रि 8.21 से 9.28 बजे तक
अभीजित मुहूर्त: – दोप. 12.05 से 12.57 बजे तक

हम सभी जानते हैं कि रक्षाबंधन हिन्‍दू धर्म के सभी बड़े त्‍योहारों में से एक है। बता दें कि उत्तर भारत में इसे दीपावली या होली की तरह ही पूरे हर्षोल्‍लास के साथ मनाया जाता है. यह हिन्‍दू धर्म के उन त्‍योहारों में शामिल है जिसे पुरातन काल से ही मनाया जा रहा है।

रक्षाबंधन भाई बहन के अटूट बंधन और असीमित प्रेम का प्रतीक है। यह इस पर्व की महिमा ही है जो भाई-बहन को हमेशा-हमेशा के लिए स्‍नेह के धागे से बांध लेती है. देश के कई हिस्‍सों में रक्षाबंधन को अलग-अलग तरीके से भी मनाया जाता है। महाराष्‍ट्र में सावन पूर्णिमा के दिन जल देवता वरुण की पूजा की जाती है।

रक्षाबंधन को सलोनो नाम से भी जाना जाता है. मान्‍यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्‍नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्‍य देने से सभी पापों का नाश हो जाता है. इस दिन पंडित और ब्राह्मण पुरानी जनेऊ का त्‍याग कर नई जनेऊ पहनते हैं।

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