सहारनपुर में एक किसान ने बैंक से ऋण न मिलने पर ‘किडनी बिकाऊ है’ का पोस्टर लगाया दिया है। आगरा के फतेहाबाद के गांव घाघपुरा निवासी किसान गीतम सिंह पुत्र शोभाराम के पास ढाई बीघा जमीन है।
किसान ने कहा कि वो हर साल 70 से 80 बीघा जमीन पट्टे पर लेकर आलू करता है। बैंक और साहूकारों से कर्जा लेकर आलू की फसल की थी। लगातार तीन साल से फसल में नुकसान हो रहा है। इस बार भी फसल में बड़ा नुकसान है। आलू के कारण किसान 25 लाख रुपये के कर्जे में आ गया है। बैंक रिकवरी निकाल रही हैं। साहूकार अपना रुपया मांग रहे हैं। ऐसे में उसके सामने संकट खड़ा हो गया है।
किसान ने सोशल मीडिया पर एक पोस्टर डाला है जिसमें उसने अपनी किडनी बेचने का जिक्र किया है। किसान के मुताबिक दिल्ली और एक आगरा के व्यापारी से उनकी बात चल रही है।
पोस्टर वायरल होते देख एसडीएम अब्दुल बासित और तहसीलदार कृष्ण मुरारी दीक्षित ने किसान को बुलाया। उसके बयान दर्ज किए। एसडीएम ने बताया कि जांच कराई जा रही है। यदि वास्तव में किसान पर कर्जा है तो शासन से आर्थिक सहायता दिलाई जाएगी।
बता दें कि सहारनपुर के चतरसाली सरसावा के युवक रामकुमार को डेयरी में कई डिप्लोमा करने व प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की ट्रेनिंग लेने के बाद भी लोन नहीं मिल रहा था। इससे तंग आकर किसान ने दफ्तरों के बाहर किडनी बेचने के इस्तहार लगा दिए।
मामला सोशल मीडिया और अखबारों में उछला तो संबंधित विभाग के अधिकारियों को सुध आई। जानकारी के मुताबिक डेयरी कार्य के लिए लोन दिलाने के लिए पशुपालन विभाग भी सक्रिय हो गया है।