ओमिक्रान के कोरोना का डबल वेरिएंट डेल्मिक्रॉन आया सामने, लॉकडाउन के साथ लगभग ICU हुवे फूल

कोरोना का डबल वेरिएंट (Covid Double Variant) सामने आया है, जिसे डेल्मिक्रॉन नाम दिया जा रहा है. ये नामकरण कोरोना के डेल्टा (Delta Variant) और ओमीक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) को मिलाकर किया गया है, क्योंकि इस वक्त भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोनावायरस (Coronavirus) के दोनों ही वेरिएंट मिल रहे हैं।
फिलहाल भारत में केरल में चार और दिल्ली में ओमिक्रॉन के दो नये केस मिले हैं. इसके बाद देश में ओमीक्रॉन संक्रमितों की संख्या 166 पहुंच चुकी है. रविवार को 14 नये मामले सामने आए थे।
बता दें कि ओमिक्रॉन के सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र में हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर राजधानी दिल्ली है और तीसरे नंबर पर तेलंगाना, चौथे नंबर पर कर्नाटक और पांचवें पर केरल है. हालांकि इस बीच अच्छी खबर ये है कि कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए केंद्र सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने आज राज्य सभा में इसकी जानकारी दी।
देश में ओमिक्रॉन के बढ़ते केस के बीच AIIMS के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि भारत को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए. कई एक्सपर्ट तो यहां तक कह चुके हैं कि देश में नई लहर का पीक फरवरी में होगा. अब जानिए कि इस आशंका के पीछे की वजह क्या है. महज 27 दिनों में कोरोना ने नये वेरिएंट ने अमेरिका और ब्रिटेन जैसे मुल्कों में हेल्थ सर्विस को बेपटरी करना शुरू कर दिया है.
वहीं अमेरिका के 92 शहरों में ICU लगभग फुल हो चुके हैं. कम गंभीर मरीजों को घर भेजा जा रहा है. ब्रिटेन में एक दिन में 10 हजार से अधिक ओमिक्रॉन के केस सामने आए हैं. यहां ओमिक्रॉन 12 मरीजों की जान ले चुका है. क्रिसमस से पहले ब्रिटेन में लॉकडाउन (Lockdown in Britain) भी लगाया जा सकता है.
गौरतलब है कि कोरोना के इस सुपरस्प्रेडर वेरिएंट ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है. दुनिया के 80 से ज्यादा मुल्क इसकी चपेट में आ चुके हैं और पूरे विश्व में 62 हजार से ज्यादा लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित हो चुके हैं. ऐसे हालात में लोग ये जानना चाह रहे हैं कि कोरोना से कवच कही जाने वाली जो वैक्सीन हमने और आपने ली वो ओमिक्रॉन से कितना बचाव कर सकती है. भारत में भी लोग यही जानना चाहते हैं.
अब सवाल ये भी उठ रहा है कि डेल्टा और ओमिक्रॉन मिलकर यानी जिसे डेल्मिक्रॉन कहा जा रहा है. वो कितना खतरनाक हो सकता है..ये फिक्र इसलिए भी बड़ी हो जाती है, क्योंकि एक्सपर्ट जनवरी में नई लहर की आशंका तक जता चुके हैं.