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71वां जन्मदिन विशेष – धर्मेंद्र के प्यार में पागल थीं सदाबहार एक्ट्रेस हेमा मालिनी

बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल और सदाबहार एक्ट्रेस में शुमार अभिनेत्री हेमा मालिनी आज अपना 71वां जन्मदिन मना रही हैं. इस खास मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं, उनकी जिंदगी से जुड़ा वो किस्सा जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं।

हेमा मालिनी भले ही धर्मेंद्र के प्यार में पागल थीं लेकिन घरवालों ने उनकी शादी एक दूसरे सुपरस्टार से तय कर दी थी. दोनों की शादी की सारी तैयारियां भी हो चुकी थीं और शादी के लिए सभी मद्रास भी पहुंच चुके थे. इसी दौरान धर्मेंद्र ने बीच में आकर कुछ ऐसा किया कि इन दोनों की शादी टूट गई।

हेमा मालिनी ने अपनी बायोग्राफी बियॉन्ड द ड्रीम गर्ल में इस वाकये के बारे में बताया है. हेमा ने अपने पेरेंट्स से धर्मेंद्र और अपने रिश्तों को छुपाया था. इसकी वजह शायद धर्मेंद्र की शादीशुदा जिंदगी रही होगी. वहीं जब हेमा के घरवालों को पता चला तो हर कोई इस रिश्ते के खिलाफ था।

बता दें कि घरवालों ने हेमा और धर्मेंद्र के मिलने पर भी रोक लगा दी. उन दिनों हेमा, जीतेंद्र के साथ दो फिल्में कर रही थीं, दोनों में अच्छी दोस्ती भी थी.हेमा के घरवालों ने जीतेंद्र के साथ उनकी शादी फिक्स कर दी. जीतेंद्र के दिल में शुरुआती दौर में हेमा के लिए फीलिंग्स थीं. उन्होंने हेमा से जाहिर भी की थीं लेकिन बाद में ये दोनों सिर्फ दोस्त ही रहे. वहीं घरवालों के कहने पर दोनों शादी के लिए राजी हो गए. दोनों के परिवार शादी की रस्मों के लिए मद्रास भी पहुंच गए थे।

वहीं धर्मेंद्र को वहां देख हेमा के पिता बहुत नाराज हुए. लोगों ने धर्मेंद्र को वहां से चले जाने के लिए कहा लेकिन वो नहीं हिले. काफी बहस के बाद आखिरकार धर्मेंद्र और हेमा को अकेले में बात करने की अनुमति मिली. जीतेंद्र और हेमा की फैमिली बाहर खड़ी इंतजार कर रही थी।

वहीं हेमा जैसे ही बाहर निकलीं उनके चेहरे से साफ जाहिर था कि वो बहुत रोई हैं. बाहर आते ही उन्होंने शादी से इनकार कर दिया. हेमा के इस फैसले से जीतेंद्र बहुत नाराज भी हुए थे. बाद में जीतेंद्र की शादी, उनकी गर्लफ्रेंड शोभा से हुई और हेमा की धर्मेंद्र से।

साल 1961 में हेमा मालिनी को एक लघु नाटक ‘पांडव वनवासम’ में बतौर नर्तकी काम करने का अवसर मिला। वर्ष 1968 में हेमा मालिनी को सर्वप्रथम राजकपूर के साथ ‘सपनों का सौदागर’ में काम करने का मौका मिला। फिल्म के प्रचार के दौरान हेमा मालिनी को ‘ड्रीमगर्ल’ के रूप में प्रचारित किया गया। बदकिस्मती से फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई लेकिन अभिनेत्री के रूप में हेमा मालिनी को दर्शकों ने पसंद कर लिया।

हेमा को पहली सफलता साल 1970 में प्रदर्शित फिल्म ‘जॉनी मेरा नाम’ से हासिल हुई। इसमें उनके साथ अभिनेता देवानंद मुख्य भूमिका में थे। फिल्म में हेमा और देवानंद की जोड़ी को दर्शकों ने सिर आंखों पर लिया और फिल्म सुपरहिट रही। इसके बाद रमेश सिप्पी की वर्ष 1971 में प्रदर्शित फिल्म अंदाज में भी हेमा मालिनी ने अपने अभिनय से दर्शको को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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