छत्तीसगढ़

नान घोटाले का जिन्न, भट्ट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किए कई बड़े खुलासे

नान घोटाले के मुख्य आरोपी शिवशंकर शंकर भट्ट ने आज प्रेस कांफ्रेन्स ली। बता दें कि कोर्ट में शपथपत्र देने के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए हैं।

भट्ट ने पीसी में बताया कि एक अप्रैल को नान का गठन हुआ था नान एक छोटी सी संस्था है। नान के 120 डिपो से 12000 दुकानों का संबंध है नान का काम केवल स्टोरेज से दुकानों तक माल पंहुचाना है एवं इसके वितरण या रखरखाव की जिम्मेदारी नान की नही है।

आगे भट्ट ने बताया कि मैने योजना बनाई कि छत्तीसगढ़ में पैदा होने वाले धान को चांवल बनाकर लोगों को पीडीएस के तहत उपलब्ध कराया जाए। मैं 4 महीने तक डॉ. रमन सिंह का ओएसडी भी रहा हूँ। 16 अप्रेल 2002 से राज्य में ये योजना चालू की गई जिससे राज्य के गरीबों को राज्य की ही चांवल मिलनी शुरू हो गई।

भट्ट ने कहा कि 36000 करोड़ रुपए के घोटाले को नान घोटाला बता दिया गया जबकि उस समय राज्य का बजट उतना था ही नही तो नान के बजट का सवाल ही पैदा नही होता। 2014 में ऐसी क्या स्थिति बन गई थी कि 10 लाख टन धान जबर्दस्ती खरीदी कराई गई साथ ही सितंबर 2013 चुनाव के ठीक पहले 51 लाख के जगह पर 72 लाख राशन कार्ड बना दिए गए। गांव में एक घर पर चार दरवाजे बना कर 1 परिवार के लिए 4 – 4 राशन कार्ड बना दिये गए। हम पर दबाव बनाकर जबरन ही राशन बंटवाए गए।

विधान सभा चुनाव के बाद तत्कलीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि 12 लाख राशन कार्ड फर्जी हैं, जबकि हमने कहा था कि 21 लाख फर्जी कार्ड हैं साथ ही निरस्त करने की बात भी कही गई लेकिन आज तक कार्ड निरस्त नही हुए। इन फर्जी राशन कार्डों के जरिए ही कमाई की जाती थी।

उन्होंने कहा कि मैंने राशन घोटाले को उजागर किया इसलिए नान घोटाले का ठिकरा मुझ पर फोड़ा गया। राशन घोटाले को छुपाने के लिए नान में छापा मरवाया गया। 10 लाख टन चावल का अतिरिक्त उपार्जन का दबाव डाला गया।

2014 में ऐसी क्या स्थिती बन गयी कि नान पर अतिरिक्त उपार्जन का दबाव डाला गया मामले में दबावपूर्वक हमे आदेश हुआ..शासन का आदेश था इसलिए हम मजबूर थे..सितंबर 2013 चुनाव के ठीक पहले 72 लाख राशनकार्ड बना दिया गया। रातो रात चावल सप्लाई का आदेश भी हमे दिया गया। हमने इस पर सवाल उठाया लेकिन हमें नौकरी से निकाल देने की धमकी दे दी गयी।

भट्ट ने कहा कि डॉ रमन सिंह ने अतिरिक्त चावल उपार्जन के लिए दबाव डाला। साढ़े चार साल में मैंने बहुत कुछ खोया है।मैंने कोई दबाव में शपथपत्र नही दिया, मैं अपनी मर्जी से यहां आया हूं। सच सामने लाना बहुत जरूरी था। रमन सिंह ने मुझे आदतन अपराधी कहा है इस पर कानूनी कार्रवाई करूँगा, आम जनता जाने कि सच्चाई क्या है इसलिए सच सामने लाया हूं।

उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम मैडम वीणा सिंह ही थी एक जगह उनके नाम का जिक्र है। मैडम वीणा सिंह को भी पैसा पहुँचा था, बीजेपी कार्यालय में भी पैसा पहुंचा, साढ़े चार साल तक जेल में रहा इसलिए सच सामने नही ला सका।

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