छत्तीसगढ़राशिफल - अध्यात्म

महापर्व छठ नहाय-खाय अनुष्ठान के साथ इस गुरुवार से होगा शुरू

लोक आस्था का महापर्व छठ नहाय-खाय अनुष्ठान के साथ इस गुरुवार से शुरू होगा। शहर सहित उपनगरीय क्षेत्रों के छठ घाटों की सफाई शुरु कर दी गई है। रंगरोगन के साथ-साथ बाजारों में भी चमक दिखने लगी है।

पूर्वांचल विकास समिति बीते 15 वर्षों की तरह इस वर्ष भी नदी तालाबो के साफ सफाई रंग रोवन में जुटी हुई है। व्रती कद्दू व चावल खाकर व्रत की शुरूआत करेंगे। शुक्रवार को खरना का अनुष्ठान होगा। शनिवार को शाम डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया जाएगा। अगले दिन प्रात: भगवान भास्कर को अघ्र्य देकर पारण के साथ व्रत पूरा होगा।

शहरी और उपनगरीय इलाकों में छठ पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। सबसे पहले अस्तांचलगामी सूर्य को अघ्र्य के बाद दूसरे दिन उदयामान सूर्य को अघ्र्य देते हैं। अघ्र्य अर्पित करने का अनुष्ठान व्रतियों द्वारा नदी, तालाब और नालों के घाटों पर किया जाता है।

व्रत की पवित्रता को मद्देनजर रखकर नदी, नालों और तालाबों में घाटों की सफाई की जा रही है। कोरबा के अलावा दीपका, गेवरा, बांकीमोंगरा, घुड़देवा, रजगामार आदि क्षेत्रों में पूर्वाचल के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं।

शहरी और उपनगरीय इलाकों में छठ पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। सबसे पहले अस्तांचलगामी सूर्य को अघ्र्य के बाद दूसरे दिन उदयामान सूर्य को अघ्र्य देते हैं। अघ्र्य अर्पित करने का अनुष्ठान व्रतियों द्वारा नदी, तालाब और नालों के घाटों पर किया जाता है।

व्रत की पवित्रता को मद्देनजर रखकर नदी, नालों और तालाबों में घाटों की सफाई की जा रही है। कोरबा के अलावा दीपका, गेवरा, बांकीमोंगरा, घुड़देवा, रजगामार आदि क्षेत्रों में पूर्वाचल के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button