डीएमएफ के उपयोग में निर्देशों का कड़ाई से हो पालन – प्रभारी मंत्री टी.एस. सिंहदेव
छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा जांजगीर-चांपा जिले के प्रभारी मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने डीएमएफ (जिला खनिज न्यास निधि) के उपयोग में सरकार के नए निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसका उपयोग केवल नॉन-बजटेड कार्यो के लिए करने कहा है। शासकीय योजनाओं की गैप-फीलिंग में इस फण्ड का उपयोग किया जायेगा। वृहद एवं दीर्घकालीन कार्यों के लिए तीन अथवा पांच साल की कार्ययोजना भी तैयार की जायेगी।
सिंहदेव ने जांजगीर-चांपा जिले के डीएमएफ शासी परिषद की बैठक में ये बातें कहीं। जांजगीर में आज हुई शासी परिषद की बैठक में कुल 140 करोड़ रूपए के कार्यो का अनुमोदन किया गया। कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तीर्थराज अग्रवाल ने बैठक में डीएमएफ से संबंधित प्रस्तावों की विस्तृत जानकारी दी।
प्रभारी मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने शासी परिषद की बैठक में कहा कि न्यास द्वारा संपादित कार्यों की सोशल आडिट के साथ ही महालेखाकार द्वारा भी आडिट कराई जाएगी। बैठक में बताया गया कि जांजगीर-चांपा जिले के 234 गांव खदानों से प्रत्यक्षतः एवं 648 गांव अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हैं।
डीएमएफ की 50 प्रतिशत राशि प्रत्यक्ष प्रभावित गांवों में और 50 प्रतिशत राशि अप्रत्यक्ष प्रभावित गांवों में खर्च की जाएगी। सिंहदेव ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार 60 प्रतिशत राशि उच्च प्राथमिकता क्षेत्र में एवं 40 प्रतिशत अन्य प्राथमिकता वाले कार्यों पर व्यय किया जाना है।
प्रभारी मंत्री सिंहदेव ने जांजगीर-चांपा जिले से बड़ी संख्या में युवाओं के सेना में चयनित होने पर तारीफ की। उन्होंने युवाओं में सेना में भर्ती के प्रति रूचि को प्रोत्साहित करने प्रशिक्षण के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। जिले के अन्य क्षेत्रों में भी परीक्षा के पूर्व प्रशिक्षण के लिए केन्द्र प्रारंभ करने का प्रस्ताव रखा गया।
बैठक में कौशल विकास कार्यक्रमों से प्रशिक्षित युवाओं को प्राथमिकता के साथ स्वरोजगार के लिए ऋण उपलब्ध कराने एवं अन्य रोजगार में नियोजित करने के लिए डीएमएफ मद का उपयोग करने पर भी चर्चा हुई। जिले के असिंचित क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नए पम्प कनेक्शन, काडा नाली निर्माण आदि के भी प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए।
शासन की योजना से वंचित दिव्यांगों को प्राथमिकता के अनुसार कृत्रिम अंग उपलब्ध करवाने के लिए भी प्रस्ताव तैयार करने कहा गया। खिलाड़ियों की रूचि के अनुसार जिला मुख्यालय में खेल अकादमी गठन करने पर भी चर्चा की गई।