पैर की नस में हुवा दर्द, झोलाछाप डॉक्टर ने पथरी का लगा दिया इंजेक्शन, बाल बाल बचा मरीज
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग के उदासीनता से गलती का खामियाजा भोले भाले ग्रामीण क्षेत्र में फैले झोलाछाप डाक्टरों के चक्कर में फंस कर अपनी जान गवां रहे हैं। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग गहरी निंद्रा से नहीं जाग रहा है। इन झोलाझाप डाक्टर के चक्कर में फंस कर एक मरीज करीब दो माह से अस्पताल में भर्ती होकर जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहा है।
रायगढ़ जिले में झोलाछाप डाक्टरों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि हर गांव में यह डाक्टर अपनी छोटी-छोटी दुकान खोलकर बैठ गए हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोग आसानी से इनके चक्कर में फंस जाते हैं।
ताजा मामला इलाके के जूटमिल चौकी क्षेत्र के ग्राम गढ़उमरिया निवासी कैलाश पोबिया पिता तसील पोबिया (40) की है जो बीते कई सालों से लैलूंगा के सिरपुर किराए के मकान में रहकर नहर के पुलिया का ठेकेदारी का काम करता था। बीते अगस्त में अचानक उसके पैर के नसों में दर्द होने लगी। पहले हल्का दर्द था तो उसने ध्यान नहीं दिया। दर्द की शिकायत पर झोलाछाप डॉक्टर ने उसे पथरी का इंजेक्शन लगा दिया। उसके बाद एक निजी अस्पताल रायगढ़ में इन्फेस्टिव बढ़ जाने के कारण इलाज करवाया। मरीज की बिगड़ती हालत देख डॉक्टरों ने उसे रायपुर रिफर कर दिया।
बहरहाल तमाम कवायदों के बाद मरीज की हालत में अब सुधार हो रहा है इस दरम्यान मरीज को मेकाहारा के डॉक्टरों ने हालत ज्यादा ख़राबhone का हवाला देकर घर ले जाने की सलाह भी दी थी उसके बाद परिजन मरीज को ले जाकर निजी अस्पताल में इलाज करवाए।