फेसबुक पर विचार साझा करना सरकार के खिलाफ टिप्पणी नहीं, आरक्षक के निलंबन पर हाइकोर्ट ने लगाई रोक, शासन को नोटिस
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने फेसबुक पर विचार रखने को सरकार के खिलाफ टिप्पणी नहीं माना है। जस्टिस पी. सेम कोशी की कोर्ट ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता माना। इसके साथ ही आबकारी विभाग में पदस्थ एक आरक्षक के निलंबन पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने गुरुवार को रोक लगाते हुए शासन को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता ने केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी को लेकर फेसबुक पर पोस्ट डाली थी जिसके बाद विभाग ने उसे निलंबित कर दिया था। इस निलंबन के खिलाफ आरक्षक ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिकाकर्ता ने कहा- उसने अपने विचार पोस्ट किए थे जिस पर भाषा मर्यादित थी।
याचिकाकर्ता अनुभव तिवारी ने कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में बताया था कि वह जांजगीर-चांचा जिले के बाराद्वार में आबकारी विभाग में आरक्षक के पद पर पदस्थ थे। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय मंत्री को लेकर फेसबुक पर पोस्ट किया था। इस पोस्ट को लेकर विभाग की ओर से उन पर कार्यवाही की गई। अनुभव तिवारी ने यह याचिका अधिवक्ता संदीप दुबे के माध्यम से दाखिल की थी।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि उसने केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी की शिक्षा, कबिर जयंती पर शराब पर प्रतिबंध जैसे कई पोस्ट फेसबुक पर किए थे, लेकिन उनकी भाषा मर्यादित थी। उसने सिर्फ अपने विचार सोशल मीडिया पर रखे थे, लेकिन पोस्ट को आधार पर उसे विभाग ने निलंबित कर दिया। याचिकाकर्ता ने कहा कि फेसबुक पोस्ट अपना विचार व्यक्त करना है न कि सरकार के खिलाफ टिप्पणी करना है।