छत्तीसगढ़

कोई चारपाई तो कोई कुर्सी के साथ साथ पढ़ रहा चटाई पर, पढ़ई तुंहर दुआर से मिल रही ऑनलाइन शिक्षा

देश में लॉकडाउन के कारण अन्य प्रदेशों के साथ ही छत्तीसगढ़ के हर जिले के स्कूल बंद है। असल में स्कूल में शिक्षक का संबंध विद्यार्थी से होता है। आज के आधुनिक युग में जबकि संचार माध्यम के साधन बढ़ गए हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए राज्य शासन के स्कूल शिक्षा विभाग ने ‘‘पढ़ई तुंहर दुआर‘‘ नाम से ऑनलाईन पोर्टल तैयार किया है। अब नारायणपुर जिले के हर घर पर रहकर बच्चे मोबाईल के जरिए कोई चटाई पर, कोई चेयर, तो कोई चारपाई पर बैठकर कर पढ़ाई कर रहे हैं। 

जिला मुख्यालय से सटे ग्रामीण बच्चों में ऑनलाईन पढ़ाई को लेकर काफी उत्सुकता देखने को मिल रही है। ऑनलाईन पोर्टल से 1350 शिक्षक और 4500 स्कूली विद्यार्थी भी जुड़ गये हैं। जिले में 24 अप्रैल से बच्चों की ऑनलाईन पढ़ाई शुरू हो गयी है। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्कूल के प्रधान पाठक, प्राचार्य और संकुल समन्वयकों को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

बच्चों को मोबाईल के जरिये पढ़ाने के लिए कक्षा पहली से दसवीं तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए विभिन्न विषयों की कक्षावार साप्ताहिक समय-सारिणी भी तैयार की गयी है। विद्यार्थियों को समय-सारिणी की जानकारी नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर भी दी गयी है। इसके साथ ही विभिन्न माध्यमों से भी उन्हें अवगत कराया गया है।  

जिले के जिन ग्रामीण क्षेत्रों में नेट समस्या है, ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में लगनशील शिक्षक बच्चों को विभिन्न तरीकों के जरिये शिक्षा दे रहे हैं। उन्हीं में से एक कोडोली स्कूल के शिक्षक श्री देवेंद्र देवांगन सप्ताह में ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर वीडियो को बच्चों के अविभावकों या बड़े भाई-बहन के मोबाइल में पढ़ाई संबंधी विडियो/ऑडियो को अपलोड करने का काम कर रहे है।

नक्सल हिंसा पीड़ित गांव कोडोली नेटवर्क पहुंच से बहुत दूर हैं। नेटवर्क की समस्या को देखते हुए शिक्षक ने यह एक नया तरीका अपनाया। देवांगन के कार्य को बच्चों के अविभावकों द्वारा सराहा जा रहा है। मोबाइल में अपलोड की गयी विडियो से अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ा रहे है। 

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