आखिर क्या है तीजा का श्रेष्ठ मुहूर्त, कब करें पूजा बताया पं. त्रिभुवन मिश्रा ने
छत्तीसगढ़ में सुहागिन महिलाओं के प्रमुख त्योहारों में से एक तीजा है. यह व्रत पति की लंबी उम्र और मंगल कामना के लिए रखा जाता है. इस दौरान महिलाएं निर्जला व्रत रखकर माता गौरी और भगवान भोले नाथ की आराधना करती हैं।
श्री सिद्धिविनायक मंदिर के आचार्य तथा राजिम क्षेत्र के भगवताचार्य पंडित त्रिभुवन महाराज ने बताया की काफी लंबे समय बाद इस समय तीजा में अनूठा संयोग बन रहा है। इसी दिन शिव पार्वती के साथ गणेश जी की भी पूजा प्रारंभ होगी।
उन्होंने कहा कि 1 सितंबर को सिर्फ तिथि में तीज है किंतु 2 सितंबर को हस्त नक्षत्र में तीजा है, जिसे उपवास हेतु उपयुक्त माना गया है और इसका फल अनंत गुना होता है। जिस प्रकार श्री कृष्ण जन्माष्टमी रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाता है ना की अष्टमी तिथि को। इसी प्रकार हस्त नक्षत्र के तीज को ही तीजा के लिए सर्वोत्तम बताए गए हैं।
उन्होंने कहा कि लगातार विभिन्न क्षेत्रों से लोगों के फोन आ रहे हैं कि तीज आखिर किस दिन है तथा सबसे उत्तम कौन सा दिन होगा। लोगों के शंका समाधान हेतु उन्होंने कहा कि काफी लंबे समय बाद पूरा शिव परिवार की पूजा सोमवार को विशेष दिन में संपन्न होगा तथा सुहागिन सभी 2 सितंबर को उपवास रहकर तीजा व्रत धारण करने से अति उत्तम सयोंग बनेगा।