छत्तीसगढ़ में पहली बार होगा राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव, आयोजन के लिए सीएम ने ली अहम बैठक
खेल प्रतिभाओं को निखारने आयोजित किया जाएगा खेल महोत्सव, मुख्यमंत्री बघेल ने नेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल और खेल महोत्सव के आयोजन के संबंध में ली बैठक
जनजातीय और लोक नृत्यों को राष्ट्रीय स्तर का मंच प्रदान करने तथा छत्तीसगढ़ के पर्यटन को बढ़ावा देने राजधानी रायपुर में पहली बार नेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा। इसी तरह छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभाओं विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में छुपी प्रतिभाओं को निखारने के लिए राज्य में खेल महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में राज्य में नेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल और खेल महोत्सव के आयोजन के संबंध में बैठक ली और तैयारियों के संबंध में अधिकारियों को शीघ्र समय-सारणी तय कर ब्लाक और जिला स्तर पर प्रतियोगिताएं आयोजित कराने के निर्देश दिए।
नेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल की फायनल प्रतियोगिताएं आगामी 28 और 29 दिसंबर को राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में आयोजित होंगी, वहीं खेल महोत्सव की राज्य स्तरीय स्पर्धाएं राजधानी रायपुर के विभिन्न खेल मैदानों में आयोजित होंगी तथा समापन कार्यक्रम स्वामी विवेकानंद जी की जयंती 12 जनवरी को आयोजित होगा।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ जनजाति बाहुल्य राज्य है, यहां की संस्कृति और कला की अपनी एक विशिष्ट पहचान है। यहां पंथी, करमा, सुआ, राउत नाचा सहित अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग जनजातीय और लोक नृृत्य प्रचलित हैं जो विभिन्न अवसरों पर किए जाते हैं। इन नृत्यों को राष्ट्रीय स्तर पर मंच प्रदान करने के लिए राजधानी रायपुर में पहली बार नेशनल ट्राइबल डांस फेस्टिवल छत्तीसगढ़-2019 का आयोजन किया जाएगा।
इस आयोजन में प्रदेश के लोक कलाकार और नर्तक दलों के साथ ही देश के विभिन्न जनजातीय बाहुल्य राज्यों के लोक कलाकार और नर्तक दल हिस्सा लेंगे। इस आयोजन में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के लोकनर्तक दलों को भी आमंत्रित किया जाएगा। डांस फेस्टिवल का टीवी चैनलों और सोशल मीडिया में लाइव प्रसारण किया जाएगा ताकि विजेताओं का निर्णय एसएमएम के माध्यम से पब्लिक वोटिंग और देश के ख्याति प्राप्त निर्णायकों के द्वारा किया जाएगा। लोक कलाकारों के आने-जाने, भोजन और ठहरने की व्यवस्था संस्कृति और पर्यटन विभाग द्वारा की जाएगी।
छत्तीसगढ़ के पर्यटन, संस्कृति और कला को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिल सके इसके लिए आवश्यक प्रचार-प्रसार के साथ आयोजन स्थल पर प्रदर्शनी भी लगायी जाएगी। देश के जनजाति बाहुल्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया जाएगा साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अतिथियों को आमंत्रित करेंगे। इसमें शामिल लोक कलाकारों को छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा।