भिलाई इस्पात सयंत्र में 19 वर्ष पहले फर्जी अंकसूची पर अनुकंपा नियुक्ति देने के मामले में जिंदल रायगढ़ के डायरेक्टर को नोटिस जारी
भिलाई इस्पात सयंत्र में 19 वर्ष पहले फर्जी अंकसूची पर अनुकपा नियुक्ति देने के बाद न्यायालय में सुनवाई शुरू हो गई। इस मामले में बीएसपी के तत्कालीन सीईओ, रिटायर्ड विजिलेंस इंस्पेक्टर समेत चार अधिकारियों को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अविनाश कुमार त्रिपाठी ने नोटिस जारी किया है।
बता दें कि 24 सिंतबर को अनिवार्य रुप से चारो अधिकारियों को उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना होगा। अहम बात यह है कि इस मामले में खुर्सीपार निवासी रामचरण (50) पिछले कई साल से लड़ाई लड़ रहा है। निचली अदालत ने उसके परिवाद को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि परिवाद आधार हीन है। बाद में रामचरण ने फैसले को चुनाती दी, और साक्ष्य के साथ जिला एवं सत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।
पुनरीक्षकर्ता के परिवाद पर फैसले पर प्रथम दृष्टया सही पाया और परिवाद का पंजीयन करते हुए न्यायालय ने बीएसपी के उच्च पदों पर आसीन रहने वाले तत्कालीन अधिकारियों को न्यायालय में उपस्थित होकर पक्ष रखने नोटिस जारी किया है।
इन अधिकारियों को हुआ नोटिस जारी
- विक्रांत कुमार गुजराल- तत्कालीन प्रबंध संचालक बीएसपी
- विजय कुमार अग्रवाल- तत्कालीन एजीएम टीएनडी
- अनुराग नागर- तत्कालीन जांच प्रकोष्ठ अधिकारी बीएसपी
- एम श्रीनिवास -रिटायर्ड विजलेंस इंस्पेक्टर बीएसपी
यह है मामला पुरीक्षणकर्ता रामचरण ने न्यायालय को जानकारी दी है कि उसे 1995 में प्लांट अटैण्डेंट पद पर नियुक्त गिया था। उसी के साथ श्रीनिवास राव पिता ए रमन्ना को भी नियुक्ति मिली थी।
बताया जा रहा है कि श्रीनिवास राव छलकपट कर नौकरी लगा था और वह दूसरे मृतक के स्थान पर नौकरी लगा था। मामला का खुलासा हुआ तो उसे 19 अगस्त 1998 को नौकरी से मुक्त कर दिया। बाद में गफलत कर उसे 2001 में फिर से नौकरी में रख लिया गया।
मामले में शिकायत कई चरणों में की गई थी जिसके बाद भी अधिकारियों ने उस व्यक्ति को नौकरी पर रख रखा था जिसने कूटरचित दस्तावेज को नौकरी के लिए आधार बनाया। शिकायत के साथ प्रस्तुत साक्ष्यों को नजर अंदाज कर किसी तरह की कार्रवाही नहीं की गई।