छत्तीसगढ़

होम आइसोलेशन में रहकर बलविंदर सिंह हुए पूर्णतः स्वस्थ

मजबूत इच्छाशक्ति और सकारात्मक सोच से कोरोना को दी मात

रायपुर होम आइसोलेशन में रहकर डॉक्टर की सलाह और अपने हौसले से सुकमा जिले के बलविन्दर सिंह ने कोविड से जंग जीत ली। 37 वर्षीय मस्तानपारा सुकमा निवासी सिंह पेशे से मैकेनिक हैं। वे कहते हैं कि चिकित्सकीय परामर्श के साथ सकारात्मक सोच और मजबूत इच्छाशक्ति कोरोना के खिलाफ लड़ने में सहायक होती है। सिंह ने बताया कि 6 अप्रैल को वे अपने गृह राज्य पंजाब से वापस लौटे और एक जागरुक नागरिक का फर्ज निभाते हुए स्वत अपना कोरोना जाँच करवाया। जांच की रिपोर्ट आने तक वे ना तो घर से बाहर गए और घर के अन्य सदस्यों से भी उचित दूरी बना कर रखी।

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8 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट आई जिसमें वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हे थोड़ी घबराहट जरूर हुई परंतु वे आशावान थे कि कोरोना से जंग जीत जाएंगे। होम आइसोलेशन में रहते हुए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदान की गई दवाईयों का सेवन चिकित्सकों के बताए अनुसार किया। साथ ही प्रोटीन युक्त भोजन लिया। चिकित्सकों द्वारा फोन के माध्यम से प्रतिदिन उनके सेहत की मानिटरिंग की गई। कोई भी परेशानी या असमंजस कि स्थिति में उन्होंने चिकित्सकों से सलाह ली।आप को बता दे कि प्रतिदिन सुबह शाम वे अपने तापमान, आक्सिजन लेवल और पल्स की जानकारी चिकित्सकों से साझा करते रहे।

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इसके साथ ही घर के अन्य सदस्यों से दूरी बनाए रखी। आइसोलेशन के दौरान स्वप्रोत्साहन के लिए उन्होंने किताबें पढ़ी। 18 अप्रैल को पूर्णतः स्वस्थ होने पर उन्हें होम आइसोलेशन से डिस्चार्ज किया गया।बलविन्दर सिंह कहते हैं कि कोरोना से बिल्कुल न घबराएं चिकित्सकीय परामर्श के साथ मन मजबूत रखें। सकारात्मक सोच रखने से आसानी से कोरोना से जंग जीती जा सकती है।कोविड पीड़ित मरीज यदि समय पर जाँच करा लेते हैं, दवा शुरू कर देते हैं, होम आइसोलेशन कंट्रोल रूम द्वारा बताये गए सुझावों का पालन करते हैं और सकारात्मक सोच के साथ समय बिताते हैं, तो वे इस बीमारी को बहुत आसानी से पराजित कर सकते हैं।

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