6 दिन की बच्ची के पेट में एक और भ्रूण, 5 लाख बच्चों में किसी एक को यह समस्या
राजनांदगांव में एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है जहां पेट दर्द की शिकायत के बाद हॉस्पिटल में आई है महज 6 दिन की बच्ची के पेट में सोनोग्राफी के दौरान एक और भ्रूण की पुष्टि हुई। डॉक्टरों की भाषा में इसे भ्रूण के अंदर भ्रूण कहा जाता है। यह 5 लाख जीवित बच्चों में से किसी एक में ही यह पाया जाता है।
बता दें कि अभी तक पूरे दुनिया में ऐसे 200 मामले ही सामने आये हैं। भ्रूण के अंदर भ्रूण पाए जाने वाली बच्ची का वजन लगभग ढाई किलो के आसपास है। जब यह वजन 4 किलो होगा तब भ्रूण को निकालने की कवायद की जाएगी। डॉक्टर ने बताया कि इसके लिए तकरीबन 4 महीने का इंतजार करना पड़ेगा।
डॉक्टरों ने मीडिया को बताया कि भ्रूण के अंदर भ्रूण का मामला बेहद ही दुर्लभ होता है और यह 5 लाख जीवित बच्चों में से किसी एक को होता है। पूरे भारत में अब तक लगभग 9 में से 1 मामला ही सामने आया है। इस तरह का पहला मामला 18वीं शताब्दी में पाया गया था।
डॉक्टर मोदी ने बताया कि जब एक महिला जुड़वा बच्चों से गर्भवती होती है तब कभी कभी बच्चा पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता है तो वह दूसरे बच्चे के उदर में स्थान ले लेता है।प्रसव के बाद उस नवजात के पेट में भ्रूण पाया जाता है।
डॉक्टर गांधी ने मीडिया को बताया कि पिता के शुक्राणु और माता के अंडाणु से कई बार जो बच्चे विकसित होते हैं ऐसे जुड़वा बच्चे आपस में कई बार जुड़े हुए भी पैदा होते हैं। दुर्लभ स्थिति में इनमें से एक दूसरे बच्चे के पेट में आ जाता है।