मनरेगा में रोजगार सृजन में छत्तीसगढ़ देश में चौथे स्थान पर
मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना) के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में लक्ष्य के विरूद्ध रोजगार सृजन में छत्तीसगढ़ देश में चौथे स्थान पर है। राज्य में पिछले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के बीच 651.3 लाख मानव दिवस रोजगार सृजन कर जुलाई तक के लक्ष्य के विरूद्ध 102 प्रतिशत काम पूर्ण कर लिया गया है।
चालू वित्तीय वर्ष में जुलाई तक 638.77 लाख मानव दिवस रोजगार का लक्ष्य निर्धारित था। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस सिंहदेव ने इस उपलब्धि के लिए मनरेगा में कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ ही विभागीय अधिकारियों की पीठ थपथपाई है।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने इस वर्ष छत्तीसगढ़ के लिए मनरेगा के तहत 13 करोड़ मानव दिवस रोजगार की मंजूरी दी है। मनरेगा कार्यों की तेजी को देखते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इसे बढ़ाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा है। केन्द्र सरकार ने मनरेगा के जुलाई तक के कार्यों के आंकड़े वेबसाइट पर जारी किए हैं। लक्ष्य के अनुसार कार्य पूर्णता के मामले में केरल पहले, पंजाब दूसरे और असम तीसरे स्थान पर है।
छत्तीसगढ़ में कार्य समाप्ति के बाद समयबद्ध मजदूरी भुगतान की प्रक्रिया में देश में पांचवे स्थान पर है। जुलाई तक 92.06 प्रतिशत श्रमिकों के मजदूरी भुगतान के लिए फण्ड ट्रांसफर ऑर्डर हस्ताक्षरित कर भारत सरकार को भेज दिया गया है। इस मामले में झारखंड पहले, उत्तराखंड दूसरे, केरल तीसरे और मिजोरम चौथे स्थान पर है। कार्य पूर्णता (लेबर बजट प्रगति) का राष्ट्रीय औसत 79 प्रतिशत और मजदूरी भुगतान प्रकिया का राष्ट्रीय औसत 85.74 प्रतिशत है।