छत्तीसगढ़

जब बेटी ने दिया पिता को मुखाग्नि, मौजूद लोगों के छलक पड़े आंसू

समाज में बेटी-बेटियों में समानता नजर आने लगा है। लोगों की सोच के साथ बेटियों के प्रति प्यार का नजारा भी देखने को मिल रहा है। लोग पुरानी सोच को दरकिनार करते हुए बेटियों के प्रति उदार हृदय की भावना को स्वीकार कर रहे हैं। बेटों की तरह बेटियों को भी बेटों का अधिकार दे रहे हैं।

यह घटना रायपुर के कोटा शमशान घाट में देखने को मिला। बीते 04  अगस्त रविवार के दोपहर को मंत्रालय के विधि एवं विधायी कार्य विभाग में वरिष्ठ लिपिक पद में कार्यरत संतोष करसाल का फाफाडीह रोड पर हृदयाघात से गिर पड़े और उनका निधन हो गया।

अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके दो बेटियां हैं। एक बड़ी 7 बरस की और दूसरी 4 बरस की है। उनका अंतिम संस्कार आज कोटा स्थित शमशान घाट में किया गया।

बड़ी बेटी ने मुखाग्नि देकर अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। करसाल का पैतृक गांव डभरा जिला जांजगीर चांपा है और वे  मंत्रालय, सामाजिक और कई प्रकार के समाज सेवा संस्था से जुड़े थे।  अंतिम संस्कार में परिवार के सदस्य, दोस्त, रिश्तेदार और शासकीय सहकर्मी अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button