
सोनू केदार अम्बिकापुर – जशपुर जिले के बगीचा थाना में इन दिनों पुलिस का इतना आतंक मचा है जिससे ग्रामीण लोग भयभीत है कि न जाने कब किसको इनके रिमांड में आना पड़ जाए ग्रामीणों को डरना भी जायज है पुलिस अधीक्षक का इनको जो खुला संरक्षण जो मिला है। बता दें कि बीते कुछ दिन पहले सन्ना थाना में सन्ना टीआई के द्वारा कोरवा परिवार से 10 हजार मांग करने पर तत्काल निलम्बित किया गया था लेकिन जब बात बगीचा पुलिस की आती है तब अधिकारियों का कलम कार्यवाही के लिए रुक जाती है।
बग़ीचा पुलिस के ऊपर आईजी सरगुजा को 1 माह पूर्व ही शिकायत मिली है लेकिन आज दिनांक तक कार्यवाही नही हुआ है। कोरवा परिवार का कहना है अब हमें राष्ट्रपति को शिकायत करना पड़ेगा तभी कोई कार्यवाही पुलिस विभाग करेगा। आपको बता दे कि जिस पुलिस वाले के खिलाफ नामजद शिकायत हुई है वो बगीचा थाना में प्रधान आरक्षक के पद में पदस्थ है और इनका यह गृह थाना भी है। पूर्व आईजी ने एक निर्देश जारी किया था किसी को भी गृह थाने में नही रखना है। बाउजूद उसके इनको गृह थाना मिला हुआ है सबसे मजे की बात यह है कि शिकायत मिलते ही इनका ट्रांसफर तो हो जाता है , लेकिन दो दिन बाद फिर से आदेश जारी होता है और इनको उसी थाना में नवीन पदस्थापना मिल जाता है। पिछले 6 माह में ऐसा तीसरा बार हुआ है। अभी पिछले माह इनका आरा ट्रांसफर हुवा था। लेकिन इस प्रधान आरक्षक का पहुंच इतना है कि इनके अधिकारी भी इनके आगे बेबस है, तो कोरवा परिवार की क्या बिसात इनके खिलाफ शिकायत कोई मायने नही रखता।
प्रधान आरक्षक मिथलेश यादव के द्वारा ग्रामीण जनताओं को डराने धमकाने का पहले भी शिकायत हुई है। नियम विरुद्ध इनको बगीचा थाने में रखा गया है। महज घर से 3 किलोमीटर की दूरी पर इनका थाना है।शिकायत पर इनका ट्रान्सफर तो हो जाता है लेकिन इनको थाना से रिलीव नही किया जाता है। अभी कुछ दिन पहले ही इनका आरा चौकी ट्रांसफर हुआ था। लेकिन इनको रिलीव नही किया गया।
एक ओर आईजी सरगुजा कोरवा परिवार के मामले में त्वरित कार्यवाही करते है,पिछले कुछ दिन पहले सन्ना थाना का मामला आया था जंहा कोरवा परिवार के द्वारा शिकायत मिलते ही सन्ना टीआई को सस्पेंड किया गया था। लेकिन एक माह शिकायत के बाद भी इस मामले पर आज तक प्रधान आरक्षक के ख़िलाफ़ कोई कार्यवाही नही हुई है, सिर्फ जांच की बात कही जा रही है।