नई दिल्ली – भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर अजय रात्रा ने बड़ा खुलासा किया है कि कैसे सचिन तेंडुलकर ने वीरेंदर सहवाग के लिए अपनी ओपनिंग पोजीशन छोड़ दी थी। रात्रा ने कहा कि सौरभ गांगुली और सचिन तेंडुलकर दोनों को सहवाग को ओपनिंग करवाने का श्रेय दिया जाना चाहिए।
एक अंग्रेजी अखबार के साथ बातचीत में रात्रा ने कहा, ‘सचिन सलामी बल्लेबाज के तौर पर बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन सहवाग को ओपनिंग करवानी थी, तो सचिन ने नंबर 4 पर बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। इसके बाद गांगुली के साथ सहवाग ने पारी की शुरुआत जिससे दाएं और बाएं हाथ के बल्लेबाज का कॉम्बिनेशन बना रहे।

वीरेंदर सहवाग कर सकें ओपनिंग, सचिन तेंडुलकर ने छोड़ी थी अपनी पोजिशन –
टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक ओपनर बैट्समैन वीरेंदर सहवाग की टीम में एंट्री बतौर मिडल ऑर्डर बल्लेबाज हुई थी। टीम मैनेजमेंट उन्हें ओपनिंग पर ट्राई करना चाहता था. स्टार बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर ने वीरू के लिए अपनी इस पोजिशन से त्याग किया था।
अगर सचिन राजी नहीं होते तो वीरेंदर सहवाग को शायद निचले क्रम में ही बल्लेबाजी करनी पड़ती। सहवाग को वनडे में पारी की शुरुआत करने का मौका शायद नहीं मिलता और तब परिस्थितियां काफी अलग होतीं।’ साल 2001 में श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ त्रिकोणीय सीरीज में सचिन तेंडुलकर चोट के कारण बैंच पर थे।

गैरी कर्स्टन का खुलासा, 2007 में ही रिटायरमेंट को तैयार थे सचिन –
टीम इंडिया के पूर्व कोच गैरी कर्स्टन ने खुलासा किया कि दिग्गज सचिन तेंडुलकर ने 2007 में अपने करियर का अंत करने का मन बना लिया था। कर्स्टन ने कहा कि बल्लेबाजी के कई रेकॉर्ड अपने नाम रखने वाले सचिन तब बैटिंग ऑर्डर से खुश नहीं थे। भारतीय टीम ने अपनी मेजबानी में 2011 में जब विश्व कप जीता था तो कर्स्टन उस समय टीम के कोच थे।