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कराया जा रहा था बालविवाह, बारातियों से पहले पहुंची महिला बाल विकास विभाग की टीम

कोरबा – छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से एक नाबालिग का बालविवाह करने का मामला निकल कर सामने आया है, जिसकी जानकारी मिलते ही महिला बाल विकास विभाग की टीम विवाह स्थल पर पहुंची और किसी तरह से किशोरी का विवाह होने से रोक दिया। मिली जानकारी के मुताबिक मामला जिले के तिलकेजा ग्राम पंचायत की है जहां एक नाबालिग लड़की का विवाह किया जा रहा था जिसकी सूचना कुछ जागरूक ग्रामीण ने महिला बाल विकास की टीम को दी जिसके बाद विभाग ने तुरंत कार्यवाही करते हुए विवाह स्थल में पहुंचकर किशोरी का विवाह रुकवा दिया और उसे एक नया जीवन दिया

बता दे की विवाह के लिए कानूनन रूप से लड़की की न्यूनतम आयु 18 वर्ष व लड़के की न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित की गई है। इसके विपरित अगर बाल विवाह किया जाता है तो उनके विरूद्घ कठोर दंड का प्रावधान है। घराती-बराती एवं विवाह करनेवालों के साथ विवाह में सम्मिलित समस्त लोगों को कठोर दंड से दंडित किया जा सकता है। साथ ही लाखों का जुर्माना व सात वर्ष तक सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही यदि विवाह करने वाला लड़का 21 वर्ष का हो परंतु लड़की 18 वर्ष से कम हुई तो लड़के के विरूद्घ पास्को एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए सात वर्ष तक की सजा से दंडित किया जाएगा। महिला बाल विकास की टीम ने उक्त बातों को परिजन को बताया और उन्हें समझाया जिसके बाद परिजन मान गए और किशोरी का विवाह टल गया।

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