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कोरोना वायरस के इलाज में BCG टिका साबित हो रहा कारगर, इन्होने बताया सच

स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि देश भर में कोरोना वायरस के मामले 14000 के करीब पहुंचने वाले हैं. शुक्रवार शाम जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में अब तक 13,835 मामले पाए गए हैं. वायरस संक्रमण के चलते बृहस्पतिवार शाम से 32 लोगों की मौत होने के साथ अब तक कुल 452 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि संक्रमण के 1,076 नये मामले सामने आने से शुक्रवार को यह आंकड़ा बढ़ कर 13,835 पहुंच गया।

हालांकि इस बीच खबरें आईं कि BCG टीका कोरोना वायरस के इलाज में काफी कारगर हो सकता है. सोशल मीडिया से लेकर लोगों के व्हाट्सऐप ग्रुप तक हर जगह इस तरह की खबरें तेजी से फैल रही हैं कि BCG टीका कोरोना के खिलाफ जंग में कारगर साबित हो रहा है. लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस तरह की खबरों के पूरी तरह से नकार दिया है।

बता दें कि कोविड-19 के खिलाफ बीसीजी के टीके का प्रभाव पता करने के लिए आईसीएमआर अध्ययन करेगा और जब तक कोई निश्चित परिणाम नहीं मिल जाता तब तक स्वास्थ्य कर्मियों के लिए भी इसकी सिफारिश नहीं की जाएगी. बता दें कि बैसिलस कालमेट गुएरिन (बीसीजी) टीके का इस्तेमाल क्षयरोग (टीबी) से बचाव के लिए किया जाता है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिक डॉ रमन आर गंगाखेड़कर ने कहा कि संस्थान अगले सप्ताह कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ टीके के प्रभाव का पता लगाने के लिए अध्ययन शुरू करेगा. उन्होंने शुक्रवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में टीके के इस्तेमाल के संबंध में पूछे गये प्रश्न के जवाब में कहा, ‘‘जब तक अध्ययन के नतीजे नहीं आ जाते और प्रमाण नहीं मिल जाते, तब तक हम स्वास्थ्य कर्मियों को भी टीके की सिफारिश नहीं करेंगे.’’

गौरतलब है कि बच्चे के जन्म के तत्काल बाद बीसीजी का टीका दिया जाता है. गंगाखेड़कर ने कहा कि यह टीका किसी को टीबी के संक्रमण के जोखिम से पूरी तरह नहीं बचाता बल्कि आंशिक संरक्षण प्रदान करता है।

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